फूलो से फूलो का नूर लिए
ये तेरे नैन कमल
नजारो से भरपूर जांम लिए
ये तेरे नैन कमल
कैसे हो शाम किसी की
कोई कैसे ख्वाब देखे
शुबह शाम की गुजारिश हैं
ये तेरे नैन कमल
ईश्क "ए" बयां निगाहो का
ऐसे करके चले जाना
हमारी परछाई चुरा ले जायें
ये तेरे नैन कमल
खुदा के हाथो बेपनाह
नूर 'ए' सादगी लिए
किसी काफिर के लिए
प्यास को भूल अपनी
तेरी ईबादत में शीश झुकवाते
ये तेरे नैन कमल
वो कौन सा अमृत है
जिसकी चाह सभी करें
अमृत का भी मन लुभाये
ये तेरे नैन कमल
फना होने की तमन्ना
किसको न होगी प्रीत में इनकी
जहां में आरजू ही शुरू ये कराये
ये तेरे नैन कमल