बहुत दूर तक

तुम्हें उदास रहना है तो रास्ते बदल लो 
मेरा हंसी से वास्ता बहुत दूर तक है
नहीं ऐसा , की मुझे सुन न पाओ तुम
जाकर देख लो , मेरी पुकार बहुत दूर तक है
कहाँ तक बचोगे यादों के हिलोरों से 
हर लहर का विस्तार बहुत दूर तक है 
दरिया में उतरो तो हौसला भी रखना
ये कठिन मझदार बहुत दूर तक है 
चांदनी रात से नजदीकी अच्छी नही 
ज़िन्दगी में सूनी राह बहुत दूर तक है
ख्वाहिश नही सफर जल्दी खत्म हो
तुमसे गुफ्तगू करने की चाह बहुत दूर तक है
 


तारीख: 20.02.2024                                    अनमोल राय









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