हमने उड़ना सीखा है

हमने उड़ना सीखा है
हमने लड़ना सीखा है
हमने अपने जज़्बातों से 
सच्चाई से जुड़ना सीखा है

जीतें हैं हम उम्मीदो से 
कामयाबी के उन गीतों से
इरादों का परचम हाथ लिए
मेहनत के उन छीटों से

दिल में उतारना सीखा है
सच को परखना सीखा है
ख्वाबों की उस कश्ती में
रोज़ तैरना सीखा है

रिश्तों के उन् नातों से
राखी के उन धागों से
जेहेन की उन बातों से 
आशाओं की बरसातों से

प्यार में जीना सीखा है
दर्द को पीना सीखा है
इन उमीदों का दीपक हाथ लिए
हमने उड़ना सीखा है....हमने उड़ना सीखा है


तारीख: 15.06.2017                                    सुमित शांडिल्य




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