तू खुद पर कर यकीन
ना खुद को हताश कर ,
करेगा कोई मदद तेरी
ना इसकी तू आस कर ,
तू खुद पर कर यकीन
ना खुद को हताश कर |
इस समय को तू ना व्यर्थ कर
खुद को तू ना असमर्थ कर ,
ना रुक कभी किसी मोड़ पर
ना सोच के अतीत खुद को कमजोर कर ,
तू बढ़ अपनी मंज़िल पर
किसी हार का डर छोड़ कर |
ना डर इन राहों के पहाड़ से
बन मांझी तू इस पर प्रहार कर ,
दे के रास्ता यह तेरे आगे झुकआएंगे सर
तू बस मांझी जैसा प्रयास कर ,
यह जो तेरे अपने तेरा मज़ाक बना रहे हैं
यह मिलेंगे तुमसे अपनी नज़रें झुका कर |
जो हाथ में है किताब तेरे
और दिल में पढ़ाई का जुनून है ,
तू दिखा दे इस दुनिया को
हर मंज़िल फ़तह कर ,
तू खुद पर कर यकीन
ना खुद को हताश कर ,
करेगा कोई मदद तेरी
ना इसकी तू आस कर ,
तू खुद पर कर यकीन
ना खुद को हताश कर |