पटाखे रख कर अन्ननास खिलाया
क्या कसूर था उस हथिनी का
जो उसे मिटाया
केरल की विभत्स्य घटना ने दर्शा दिया
इंसानियत को खुद की
नजर में ही गिरा दिया
कुदरत आज बेजार हो गई
इंसान के सामने लाचार हो गई
इंसान नीचता पर उतर आया है
एक मां की ममता को भी
ना समझ पाया है
दिन प्रतिदिन हम गलत कर रहे
इस बात को क्यों नहीं समझ रहे
एक के बाद एक
हैवानियत होती जा रही
कुदरत की नाराजगी के
कारण को बढ़ा रही
अपने अपमानजनक कर्मों से
खुद पर संकट ला रहा
मानव मानवता पर खुद ही
दाग लगा रहा
सन 2020 ने ये बता दिया
इंसान को उसकी औकात
याद दिला दिया।