मेरी अंगुलियों के नाखूनों को काटो उखाड़ो नहीँ कि इनमें दर्द होता है दिल को सताओ, तड़पाओ, मुर्झाओ तोड़ो नहीँ कि यह तन्हा अकेले में बहुत रोता है।
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