मातृभाषा को मृतभाषा मत बनाओ

मातृभाषा को मृतभाषा मत बनाओ...

हिंदी दिवस पर बड़े-बड़े ज्ञानी और प्रतिष्ठित व्यक्ति; हिंदी भाषा की परिभाषा दे रहे थे, तो कुछ 'कौन श्रेष्ठ भाषा' पर विचार-विमर्श कर रहे थे, तो उनमे से कुछ दूसरी अन्य भाषा पर हास्य व्यंग्य कर रहे थे. शब्दों का चुनाव अपने अनुकूल और भाषा के प्रतिकूल कर रहे थे. हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा का ऐसा अपमान देख एक साधारण-सा व्यक्ति उठा और हाथ जोड़ कर विनती करने लगा -

""हमारी हिंदी है मातृभाषा और बन जाये मित्रभाषा; 
पर इसे मात्रभाषा बनाकर, इसे मृतभाषा न बनाओ.""

सभा में उपस्थित सभी जनों की आँखें शर्मिंदगी में झुक गई.


तारीख: 04.02.2024                                    मंजरी शर्मा




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है