नदी के किनारे

नदी के किनारे, 
जब छोड़ दी जाती हैं, 
स्त्रियाँ। 

तब स्त्रियाँ विद्रोही, 
वीरांगनाएँ बन जाती हैं।


तारीख: 08.03.2024                                    अदिति शंकर




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है