समंदर की कतरों से

वजूद समंदर की कतरों से है
हैसियत ज़्ख्मों की अपनों से है ।
खामोशी अदा है गहराइयों की
शोर तो कम अक्ल लहरों से है ।


तारीख: 11.02.2024                                    अजय प्रसाद









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