एक है देवकी... दूसरी यशोदा...
कौन है बड़ा, कौन है छोटा,
एक ने मुझे गर्भ में सींचा,
दूसरी ने मुझे आँचल में भींचा,
कैसे बताऊँ, जग में किसका है नाम,
दोनों में बस्ती है मेरी जान.
कभी देवकी का लल्ला, तो कभी यशोदा का दुलारा...
ना जाने, किस जन्म का नाता हमारा.
अपने कलेजे के टुकड़े को अलग कर, नहीं है, जीना आसान,
तो दूसरी ने ममता लुटा बना, दिया महान
ममता की पहचान हो, या हो मिसाल,
देवकी हो या यशोदा, दोनों मेरी माँ...