अनकहा दर्द

आसान नहीं
ताउम्र कोई अनकहा 
दर्द जिये जाना मुस्कराते हुए।

दिल फफक के 
रो उठता है उनके होने पर,
अकेले में।

कि ये गम 
जो साझे नहीं किये जाते
खुद में ही जिये जाते हैं चुपचाप।

मौजूद होते हैं
ये हर एक जिंदगी में
हमेशा ।


तारीख: 20.02.2024                                    भावना कुकरेती









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