मेरी मंजिल

मेरी मंजिल अलग मेरा रास्ता अलग है
मेरी कस्ती अलग मेरा नाखुदा अलग है ।
मेरे साथ चलने वाले ज़रा सोंच फिर से
मेरा हमसफर अलग मेरा कारवां अलग है


तारीख: 12.02.2024                                    अजय प्रसाद






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