बेजुबां से होते है कुछ रिश्ते अहसास से भरे होते हैं ये रिश्ते
शब्द नही होते है कहने को दिल की गहराईयों से बनते हैं ये रिश्ते
आँखे बयां कर देती है हाल ए जुबां तभी तो न टूटते है न बिखरते हैं ये रिश्ते।
साहित्य मंजरी - sahityamanjari.com