इक हमाम में यारों यहाँ सब नंगे हैं बाहर से दिखे साफ़ भीतर से गंदे हैं । नेता-अभिनेता,या पुलिस-प्रशासन यारों सब आला दर्जे के भिखमंगे हैं। साठगांठ के बेजोड़ सिकंदर हैं सारे गोरे गोरे लोग औ इनके काले धंदे हैं।
साहित्य मंजरी - sahityamanjari.com