पहले जैसी बात नही उन रिश्ते - नातों में उधड़े उधड़े से महसूस लगे हैं होने डरती हूं अक्सर मैं कभी आवाज भी दे तो टकराकर दीवार से वापस ना आ जाये अपनी ही आवाज क्यूं पहुंच से बाहर होने लगा है हर रिश्ता कम होने लगी है उम्र हर रिश्ते की शायद
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