दिल में सौ दर्द पाले बहन-बेटियां
घर में बांटें उजाले बहन-बेटियां
कामना एक मन में सहेजे हुए
जा रही हैं शिवाले बहन-बेटियां
ऐसी बातें कि पूरे सफ़र चुप रहीं
शर्म की शाल डाले बहन-बेटियां
हो रहीं शादियों के बहाने बहुत
भेड़ियों के हवाले बहन-बेटियां
गांव-घर की निगाहों के दो रूप हैं
कोई कैसे संभाले बहन-बेटियां