दुनिया बड़ी अजीब है

इश्क़ कि यारों  दुनिया बड़ी अजीब है
शख्सियत अमीर और शख्स गरीब है ।।

लैला-मजनू,शीरी-फरहाद,सोनी-महिवाल
जिंदगी भर जुदा और मर कर करीब है ।।

जख्म,जिल्लत,दौलत,शोहरत,दवा या दुआ
किसको क्या मिलेगा ये उसका नसीब है ।।

श्राप को भी वरदान मे बदल देता है इश्क़
नेमत उसे मिलता है,जो खुदा का हबीब है ।।

अजय किससे तुम वफा की आश करते हो
वो क्यूँ करेगा मदद,जो तुम्हारा रकीब है ।।


तारीख: 07.02.2024                                    अजय प्रसाद




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है