झूठ बोलना आज के दौर में लाजिमी है
वरना लोग कहेंगे ईमानदारी ही नही है ।
फक़त चापलूसी से कहाँ है काम होता
निर्लज और भ्रष्ट होना भी अब ज़रुरी है ।
सच बोलना मगर सहूलियत देख कर
क्योंकि आज कोई उसे पूछता ही नही है ।
सादगी,खुलूस ,खिदमत गर करोगे तुम
सब कहेंगे कैसा बेवकूफ ये आदमी है ।
अजय तू भी किसे समझा रहा ये बातें
आज के दौर की यही तो खूबसूरती है ।