मलखान साम्यवाद पार्टी के जिला अध्यक्ष का पुत्र था ।आती जाती युवतियों को छेड़ना भद्दे इशारे करना और उनका पीछा करना उसके प्रमुख शगल थे ।इस बार उसकी नजर नाबालिंग सुमन पर थी वह उसके सुन्दर चेहरे और भोलेपन का दीवाना हो चुका था ।
और जहाँ भी वह जाती, मलखान साये की तरह उसके पीछे - पीछे अपने प्रेम का इज़हार करते पहुँच जाता ।सुमन और उसके घरवालों ने पहले तो उसे समझाने का प्रयास किया मगर मलखान कहाँ मानने वाला था वह तो उसे पाने की जिद लिए जो बैठा था ।एक दिन जब स्कूल जाते समय मलखान सुमन के पीछे पीछे चलने लगा तो सुमन ने पलटकर उसे थप्पड़ जड दिया ।मलखान उसे धमकी देते हुए वहां से चला गया ।
दूसरे दिन मलखान ने बीच सड़क पर उसे रोकते हुए कहा "सुमन मैंने तुझे सच्चा प्रेम किया था ।अब सुन ले तू मेरी होगी नहीं ,किसी और के लायक मैं तुझे छोड़ूगा नहीं "कहते हुए उसने हाथ में छिपाई एसिड की बोतल उसके चेहरे पर फैंक दी ।सुमन का चेहरा बुरी तरह से झुलस गया था ।
महीनों बाद अस्पताल से सुमन लौटी तो अपने सुन्दर सुकोमल चेहरे के बजाय एक डरावना चेहरा लेकर ।और आते ही सबसे पहले मलखान के पास गयी ,और बोली "मलखान आज मैं तुम्हारे प्रेम को समझ चुकी हूँ ,आओ हम एक हो जाएँ " ।मलखान घबराते हुए "पागल हो क्या ?अपना चेहरा तो देखो ,जब मैं कह रहा था तो ..." ।
सुमन "मलखान तुम मेरे नहीं हुए तो किसी और के भी नहीं होंगे आज मैं अपने सच्चे प्रेम की छाप तुम पर जरूर छोड़ कर जाउंगी "और सुमन ने भी ठीक मलखान की तरह एसिड की बोतल में बंद "प्रेम "मलखान पर उडेंल दिया ।