कुलोना

उसने चेहरे पर गिरते बालों को ऊपर किया और वो उसके मोटे गाल को दबाते हुए बोला! मेला गोबलु कैचा है?मासूम लीला ने बाहों का घेरा बनाकर गर्दन के इर्द गिर्द देखा और मोहित की पीठ को तेज भींचते हुए उसमे सिमट गयी। मोहित ने उसके चेहरे को अपने चेहरे के बिल्कुल सामने लाते हुए पहले अपनी नाक उसके नाम से हल्के से रगड़ दी और फिर दायें गाल को चूमता हुआ बोला!मेरी प्यारी सी लीला ममा कहां हैं बताओ।

 

लीला ने किचन की ओर इशारा करते हुए मोहित में फिर सिमट गयी।पापा पापा!कुलोना क्या है? सीने से चेहरा हटाते हुए उत्सुकता और कौतुहल भरी आंखों से मोहित को देखते हुए पूछा।मोहित पहले जैसे हतप्रभ हुआ फिर सुन्न सा होते हुए गहराई से पूछा बेटा कोराना?

 

हां पपा!कुलोना?

 

मोहित ने एकदम हंसते से भाव को किचन की ओर देखा फिर लीला की आंखों में झांकते हुए कहा।कोरोना कुछ नहीं एक गंदा सा पत्थर है उस गम(गोंद) लगा है जो उसे टच करता है उसे वो चिपका लेता है और फिर उस चिपके व्यक्ति को टच करता है उसे अपना शिकार बना लेता है।पपा चिकार तया होता हे?

लीला ने गंभीरता से फिर पूछा ।मोहित ने हंसते हुए किचन से आती पूर्वा को देखा और बोला इसको कुलोना के बारे में बताओ और हां जल्दी हटो तुम दोनों मुझे साबुन से हाथ पैर धोना है फिर बताता हूं कुलोना क्या है!लीला अभी भी हतप्रभ देखती रही व बातों के मायने समझने का प्रयास अंगुलियों को हवा में लहराते
हुए लगाने लगी पूर्वा व मोहित चेहरे के भाव देख पहले गंभीर हुए फिर एक दूसरे को देखकर हंस दिए!कुलोना हहहहहह कहता मोहित बाथलूम में घुस गया 


तारीख: 20.03.2020                                    मनोज शर्मा




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है