हैलो
मैं बोल रहा हूँ
कौन
पहचाना नहीं
नहीं
बस फ़ोन कट गया
कौन था वो
जिसने अस्सी की उम्र में भी
अचानक मेरे दिल को धड़का दिया
साँस तेज़ चलने लगी
आँखों में चमक
कँपकँपाते हाथ
फिर भी एक स्फूर्ति, और
उसने मुझे आइने के सामने पहुँचा दिया
काजल लगाया, लिपस्टिक लगाई, बाल सँवारे
पर सोच में डूब गयी मैं
कौन था वो
साथ नहीं दिया तो बस मेरी याददाश्त ने
फिर भी जान डाल दी थी इस हैलो शब्द ने
मुझमें भी और इस धूल से जमे फ़ोन में भी
जान नहीं पाई कौन था वो पर
एक जीने की उम्मीद जगा गया
फिर शायद फ़ोन की घंटी बजेगी
वही आवाज़ होगी
हैलो 🎼🎼
मैं बोल रहा हूँ