बेटी आज मायके आ रही है
बाप खुश हुआ यह जान कर
नर्स ने कहा बिटिया जन्मी है
नयी भोर आयी सीना तानकर
तक़दीर बन कर आयी कन्या
वैभव लाई आसमान छान कर
खूब पढ़ाऊंगा नन्हीं बेटी को
बाप रोज सोता यह ठान कर
ग़ुरबत के काले बादल हटे हैं
दुलारते उसे लक्ष्मी मान कर
लाडला खड़ा हो गया पैरों पर
खुद पर मत इतना गुमान कर
विदा होगी जिस दिन लाड़ली
जाएगी आँगन को वीरान कर
चाँद पर घर बनाएगी गुड़िया
अंतरिक्ष जगत को हैरान कर