मेरे सब्र का इम्तिहान ना ले
आ भी जा मेरी "जान" ना ले।।
तेरे विगर जी लूँ में खुशी से
खुदा से ऐसा कोई वरदान ना ले।
मर भी नही सकता तेरे बिन
मेरी मौत का सामान ना ले।
आशिकी में रूसबाई तो खिताब है
मेरे बदले में जहाँ से मान ना ले।
"बेचैन" की हर साँस पर तेरा हक है
हुक्म कर मुझसे कोई एहसान ना ले।