कदम से कदम मिलाकर चलना है मुझे,
वक्त के साथ खुद को बदलना है मुझे.
फूलों की सेज पर तो सभी चल लेते हैं,
अंगारों पर चलकर संभलना है मुझे.
लाख गर्दिशें आयेंगी राहों में मेरी आये,
खुद्दारीयों के साथ जंग जीतना है मुझे.
जीते तो हैं यूँ सभी खुद के लिए,
इस मिट्टी का कर्ज भी चुकाना है मुझे.
छूट गया है जो पीछे कुछ अनजाने में,
हालातों से लड़कर हासिल करना है मुझे.
मुश्किलें कितनी भी आये सब देख लेंगे,
हर वक्त फूलों की तरह मुस्कुराना है मुझे.
कई रंगीन चेहरे छुपे है इन चेहरों में,
दुरंगे लोगों की बातों में नहीं आना है मुझे.
मौत के बाद तिरंगा हो कफन मेरा ' देव',
नाम कुछ ऐसा ही कर जाना है मुझे