फूल सी कोमल होती हैं बेटियां,
बीज खुशियों की बोती हैं बेटियां,
नाराज़ मत होना कभी इनसे ,
जरा सी बात पर रो देती हैं बेटियां,
बाट देते हैं बेटे घर को हिस्से में,
दो घरों को जोड़ देती है बेटियां,
मत टूटने देना विश्वास को उनके,
बड़ी ही नाजुक सी होती हैं बेटियां,
बड़ी ही प्यार से बुलाते हैं सभी,
परिवार की लाडली होती हैं बेटियां,
जमाने की नजर इनपर मत पडने देना,
बडी मासूम सी होती हैं बेटियां,
इन्हें भी जाना है उचाईयों तक,
आजाद पंछी की तरह होती हैं बेटियां,
कांटों में भी फूल खिला देती हैं,
बडी ही समझदार होती हैं बेटियां,
उनसे पूछो कितनी खलती है कमियां,
जिनकी आगन में नहीं होती हैं बेटियां.