यह इतिहास है गौर से पढ़िएगा

यह इतिहास है गौर से पढ़िएगा
एक एक सीढ़ी तौर से चढ़िएगा

सच और झूठ एक ही सफे पर
विश्वास ना हीं और से करिएगा

जो शासक चाहे वही यह बोले
फिर आप हर दौर से डरिएगा  

जो जानते हैं वो भी सच है क्या
नहीं तो बिना ठौर* के मरिएगा


तारीख: 06.09.2019                                    सलिल सरोज




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