किस्मत पे पड़ते ताले हैं।
चोर यहाँ पर रखवाले हैं।।
उनने पाले तोता मैना,
औ बाज यहाँ पर पाले हैं।
राजमहल थे एक समय में,
अब तो मकड़ी के जाले हैं।
सत्ता जिसको मिल जाती है,
वे ही समझो मतवाले हैं।
उनकी जेबें गर्म हुईं हैं,
कुछ के रोटी के लाले हैं।
आज वकालत करने वाले,
कर्मो से होते काले हैं।
तम तो हिंसक शेर हुआ है,
हिरणी से कैद उजाले हैं।