बच्चे मन के सच्चे
होते हैं बच्चे मन के सच्चे,
झूठ ,फरेब ,और छल में कच्चे।
नहीं आता उनको गुरूर करना,
आओ सीखें हम उनसे माफ करना।
चेहरे पर मुस्कान लिए फिरते,
जिंदगी को संग लिए जीते।
बच्चे मन के सच्चे।
हाव भाव समझ जाते पापा मम्मी के,
आंख मिचौली खेल कर दिन बिताते नाम के।
जिद कर शौक करते पूरे,
मां बाप के सपने करते पूरे
बच्चे मन के सच्चे।
आपस में मिलकर रहते,
कोई भी हो बात हमसे वो कहते।
बच्चे मन के सच्चे।