भग्गो अभी पिछले महीने बता रही थी की उसकी मंझली बेटी ने पंद्रह दिन से खाना पीना छोड़ रखा है ।दिन पर दिन पीली होती जा रही है ।
मैंने उसे जब डॉक्टर को ना दिखाने के लिए डांटा तो बोली –“अरे बहु चार चार रोक छोरी हैं मेरी जान कू, कौ-कौ ऐ दिखाऊं पईसा ऊ तो लगत ।हमनने बाको ओझा पे पीरीया उतरवा घालो है तेल में नीम डार ओझा ने सब्रो पीरिया खींच डारो तेल झक्क पीरो है गयो ।
अब सही है जायेगी मोड़ी” कुछ दिनों से भग्गो काम पर नहीं आ रही थी मुझे परेशानी के साथ उसकी मंझली की चिंता भी हो रही थी ।करीब आठ दिन की छुट्टी के बाद आई तो मैंने सबसे पहले मंझली के बारे में पूछा ।
भग्गो ने नाक सुड़कते हुए कहा ”नाय रही भाभी ,शायद इत्तो ही दाना पानी लिखा के लायी जा संसार में ।हमाओ पिछरे जन्म को कोऊ कज्ज हो उतार ले गयी ।”