कह-मुकरी

मैं चलूँ तो पीछे आये।
मैं रूकूँ तो वो रूक जाये। 
पास है पर है एक खाई।
का सखि साजन? ना परछाई!

रोज रात को साथ सुलावै।
दिन-भर की हर बात भुलावै।
देखन में है थोडा भद्दा।
का सखि साजन? ना गद्दा!

आवत जावत मोय निहारे।
ना सोचे ना बात बिचारे।
जो देखत, सबै बताये देत निगोरा ।
का सखि साजन? ना सीसीटीवी कैमरा!

बेर बेर निकट बुलावे।
खुद में वो मोय दिखावे।
हर घर में है वा की चाईना।
का सखि साजन? ना आईना!


तारीख: 22.06.2017                                    रामकृष्ण शर्मा बेचैन




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