सुख जीवन के कितने दिन

सुख जीवन के कितने दिन 
दुःख भरा अपार 
दुःख से भी लड़ जाये जो 
वो कहलाये अपरमपार 

सुख दुःख के इस संसार में 
है मनुष्य वही जो दुःख में भी
बाधाओं से लड़ना जाने 
सुख भी कुछ पल का साथी 
दुःख भी कुछ पल का ही साथी 

है दोनों इक दूजे के पूरक 
नही कर सकता कोई 
जीवन से इन दोनों को अलग 
कर ले चाहे अथक प्रयास 

फिर काहे का सुख 
फिर काहे का दुःख 
करेंगे स्वागत दोनों का 
जीवन में इक जैसा 
दुःख से भी जो लड़ जाए जो
वो कहलाये अपरमपार           


तारीख: 09.06.2017                                    रजत प्रताप




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