क्या मिलेगा फरियाद कर के

क्या मिलेगा भला मुझे फरियाद कर के !
जब खुश हो खुदा ही बरबाद कर के ।

अब न लौटेंगे कभी इस गमे हयात में 
जा रहा हूँ मैं बदन को आज़ाद करके ।

लुट गई हस्ती सरे राह चलते-चलते 
देखा है मैंने रास्ते भी आबाद करके ।

भला हो तेरा मेरी किश्ती डुबोने वाले 
ले मै चला तेरे मन की मुराद करके ।

किसको दुःख है अजय तेरे मरने का ?
कौन सा तू गया है कुछ इजाद करके ?


तारीख: 18.07.2019                                    अजय प्रसाद









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