रात दिन लब पे नाम है तेरा

रात दिन लब पे नाम है तेरा
दिल मेरा ये ग़ुलाम है तेरा

तू ज़माने की भीड़ से है अलग
इक अलग ही मक़ाम है तेरा

बेच ड़ाले ज़मीर गर इन्सां
फिर तो कौड़ी का दाम है तेरा

ए ख़ुदा ये ज़रा बता मुझको
किस जगह पर क़याम है तेरा

कल तलक़ सब का था किया तूने
आज जीना हराम है तेरा


तारीख: 25.04.2020                                    बलजीत सिंह बेनाम




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