नाच रहीं
बरखा की बूंदे
छप्पर छानी में!
बरस रही है
वर्षा मगन मगन!
हरियाली की
पावस लिखे लगन!!
उजला उजला सा
मौसम है
भीगा पानी में!
बिजली कड़की
काँपती है रात!
हुई वायु से
गंध की कुछ बात!!
रीझ जाए है
मन मेरा
दुपट्टा धानी में!
अंबर में
मेघों के जमघट में!
चीखी प्यास
पपीहे की रट में!!
छलकते आँसू के
सरोवर किसी
कहानी में!