तुम हो बड़े रसूखदार
मुझ पर रहम करो
कि मैं हूँ एक सियासती गँवार
मुझ पर रहम करो
तुम्हें आती हैं तरकीबें दोस्तों की जग हँसाई की
मैं हूँ उसमें बेकार
मुझ पर रहम करो
कहते हो जिसको अपना दुनिया के सामने
पीठ पीछे करते हो वार
मुझ पर रहम करो
पर्दा है हर ओर सब फ़िक्र है दिखावटी
जानते थे हम पर अब ना बनेंगे शिकार
मुझ पे रहम करो
गढ़े मुर्दों को उखाड़ना तुम्हारा शौक़ बन चुका है
जियो तुम उन्हें सँवार
मुझ पर रहम करो