बेहतर की कोशिश में और बद्तर हो रहा है महंगाई,बेरोजगारी को विकास ढो रहा है । अच्छा है खुशफहमियाँ पाल रक्खें हैं यारों जमाना गफ़लत की गहरी नींद सो रहा है ।
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