देश पर पतिंगा जब कुर्बान होता है

हर वक्त तैनात हैं जो देश की सुरक्षा में, 
उन वीरों  पर  बड़ा अभिमान होता है,
 
देशवासियों  को भी तकलीफ होती है, 
सीना उनका जब  लहूलुहान  होता है,

गर्मी सर्दी  बारीश  बर्फ  ओले  पडे, 
सीमा पर  कोई  घर न मकान होता है,
 
पीठ नहीं सीने पर झेलते हैं हर गोली, 
ऐसा  देशप्रेमी  बहुत  महान होता है, 

ठान लिया  है मिट्टी  का कर्ज चुकायेंगे, 
वही बहादुर हिंदुस्तान की शान होता है, 

भूल  नही  सकते  हम वीरों  की कुर्बानी, 
फूल तभी महकते हैं जब बागबान होता है.


तारीख: 09.06.2017                                    देवांशु मौर्या









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