जिंदगी तुझसे एक इजाजत चाहती हूँ

जिंदगी तुझसे एक इजाजत चाहती हूँ
तेरा एक पन्ना कोरा रखना चाहती हूँ !
जीवन मे यूँ तो पाया है सब कुछ
पर पीछे जाकर कुछ फिर बदलना चाहती हूँ
जिंदगी तुझसे एक ....


धुप छाँव, गर्मी और सरदी
सब कुछ है जीवन, पर कुछ अधूरा सा फिर पूरा करना चाहती हूँ
जिंदगी .........


कुछ गलतियाँ, कुछ लापरवाहियाँ,
कुछ अठखेलियाँ और कुछ नादानियाँ,
फिर दोहराना चाहती हूँ
जिंदगी ......


कुछ दबे एहसास , कुछ मीठे अल्फ़ाज़ ,
फिर दोहराना चाहती हूँ,
जिंदगी ....................
कुछ तो है जो छूट गया ,
कुछ तो है जो दिल मे दबा रह गया ,
कुछ तो है जिसे ठीक करना चाहती हूँ ,
जिंदगी .......


एक नया अध्याय लिखना चाहती हूँ ,
जो राज दिल मे दबा दिए उनको फिर से जगाना चाहती हूँ
जिंदगी बस एक इजाजत,
भविष्य के पन्नो मे जाकर कुछ तो लिखना चाहती हूँ,
बस एक पन्ना कोरा रखना चाहती हूँ......


तारीख: 11.07.2017                                    दीपा कैलाश









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