तुम्हारा वादा

कई सालों का साथ
सबके बीच में भी 
सिर्फ एक दूजे के हम 
और अकेले में भी 

क्यों किया ऐसा जो 
इतनी बेफ्रिकी से 
छोड़ दिया मेरी चूड़ियों से भरा हाथ
दुनिया तोड़ने को कह रही है 
किसे पता कि तुम
मेरी नसों में बह रहे हो 

दुनिया को दिखाने को 
मेरी माँग में 
तुम्हारी जगह नही है 
क्या फर्क पड़ता है मुझे
तुमतो सदासे ही 
मेरे बालों में गुहे जाते हो
आज सिंदूर ना सही 

सब बात मानते थे 
आज एक बात मानोगे ना 
हाँ वही कि 
हवा में आके थोड़ी सी धूल 
मेरे सर पे डाल देना 
सज जाऊँगी फिर से
तुम्हारी बनकर

आख़िरी बार जिस जगह से
तुमने मुझे पुकारा था
वहीं खड़ी हूँ 
बेचैन है तुम्हारी लाडो
और आज तुम 
बेचैनी दूर करने नही आये
आये तो हो !!
हाँ ! मेरी आँखों तक
आँसू बनके 

अम्मा ने फिर से मुझे चिढ़ाया 
कह रही हैं तुम नही आओगे
लेकिन उन्होंने आज
मुझसे रोकर कहा है ये सब 
मुझे नही अम्मा को हँसाने आ जाओ
नही आओगे ना 
जानती हूँ मुझपे भरोसा करते हो
हँसा दूँगी अम्मा को 
मेरा वादा है
और हाँ मैं वादा नही तोड़ती
तुम्हारी तरह !!


तारीख: 03.07.2017                                    शशांक तिवारी




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