बहारों की रात लेकर आ गया हूँ
ख़ुशी की सौगात लेकर आ गया हूँ
हम तो फकीर हैं, दुआ माँगते हैं
यही ख़्यालात लेकर आ गया हूँ
जहाँ लोग भूल गए हैं देखना ख़्वाब
मैं नए ख्वाबों की बात लेकर आ गया हूँ
बेजान दिलों में उम्मीद की लौ जलाकर
नयी सुबह की सौग़ात लेकर आ गया हूँ
मेरी आँखों में देख, मेरे सफ़र का हासिल
जिंदगी के सच्चे जज़्बात लेकर आ गया हूँ
सब ने यहाँ ज़हर उगला, मैं अमृत लाया
दिलों को जोड़ने की बात लेकर आ गया हूँ